प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती को उनके ही गृह जनपद में मात देने के लिए राहुल गांधी ने अंतिम समय तक कोई कसर नहीं छोड़ी है। प्रदेश का शायद ही कोई जिला होगा, जिसकी सभी विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों के समर्थन में राहुल गांधी ने अलग-अलग चुनावी सभाएं की हों। राहुल गांधी ने गौतमबुद्धनगर की तीनों विधानसभा सीटों के लिए अलग-अलग सभाएं कर यहां पूरी ताकत झोंक दी। यहीं नहीं राहुल गांधी के आदेश पर चुनाव प्रचार के अंतिम क्षणों में दिग्विजय सिंह, अभिनेत्री नगमा, राजीव शुक्ला, प्रमोद तिवारी, सलमान खुर्शीद, शीला दीक्षित, पीएल पूनिया, सचिन पायलट, दीपेंद्र हुड्डा ने भी जनपद में ताबड़तोड़ जनसभाएं कीं। जहां-जहां संयुक्त प्रत्याशी है, वहां जयंत चौधरी का भी सहारा लिया गया। प्रचार के अंतिम दिन राहुल गांधी ने दादरी में जनसभा कर कांग्रेसियों का मनोबल और बढ़ा दिया। उन्होंने हर सभा में गौतमबुद्धनगर को दिल्ली से जोड़ा। उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश में सरकार बनी तो नोएडा को भी दिल्ली की तरह चमका दिया जाएगा। राहुल गांधी ने जनपद की तीनों सीटों को अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है। मुख्यमंत्री मायावती ने तीनों विधानसभा सीटों के लिए ग्रेटर नोएडा में संयुक्त जनसभा की थी। इसके लिए बसपा की तरफ से सिर्फ सतीश मिश्र ने नोएडा में एक सभा की थी। इस बार सोनिया गांधी, मुलायम सिंह यादव व लालकृष्ण आडवाणी की जनपद में एक भी सभा नहीं हुई। राहुल गांधी ने जनपद की नोएडा, दादरी व जेवर विधानसभा सीट पर काफी सोच विचार कर प्रत्याशी उतारे हैं। यहां से टिकट की दावेदारी करने वालों की लम्बी सूची थी। भारी विरोध के बाद भी राहुल ने नोएडा से डा. वीएस चौहान, दादरी से समीर भाटी व जेवर से ठाकुर धीरेंद्र सिंह को मैदान में उतारा। राहुल गांधी हर चुनावी सभा में मुख्यमंत्री मायावती पर सबसे ज्यादा गरजे। वह गौतमबुद्धनगर की तीनों सीटों पर बसपा को हराकर कांग्रेस का परचम लहरा कर यह दिखाना चाहते हैं कि वह मुख्यमंत्री के घर में भी पकड़ बना चुके हैं। यही वजह रही है कि उन्होंने नोएडा व ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के भट्टा पारसौल किसान आंदोलन में गांव-गांव पदयात्रा कर खूब पसीना बहाया। उन्होंने मई-जून की तपती गर्मी व बारिश की भी चिंता नहीं की थी। राहुल गांधी के इस अभियान से प्रदेश सरकार को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ीं। कुछ माह बाद विधानसभा चुनाव भी घोषित हो गये। इसके बाद तो राहुल गांधी ने पूरा ध्यान उत्तर प्रदेश पर ही दे दिया। राहुल गांधी ने जेवर विधानसभा क्षेत्र में अपनी चुनावी सभा 23 फरवरी को जेवर कस्बे में की थी। उन्होंने अपना पूरा भाषण भट्टा पारसौल कांड पर ही केंद्रित कर किसानों का मसीहा बनने का प्रयास किया। वह इस आंदोलन के दौरान का जिक्र करने से भी नहीं भूले। दूसरी रैली उन्होंने नोएडा विधानसभा क्षेत्र में नोएडा स्टेडियम में 24 फरवरी को की थी। तीसरी जनसभा चुनाव प्रचार समाप्त होने के तीन घंटे पहले दादरी में की। प्रदेश का यह अकेला ऐसा जनपद है जहां राहुल गांधी ने हर विधानसभा क्षेत्र में अलग-अलग रैली की है। एक पहलू यह भी है कि यदि कांग्रेस यहां से एक भी सीट नहीं जीती तो मायावती को राहुल गांधी पर कटाक्ष करने का और मौका मिल जाएगा। लिहाजा राहुल गांधी ने सबसे ज्यादा ध्यान गौतमबुद्धनगर पर ही दिया। प्रत्याशियों ने राहुल गांधी से शिकायत भी की थी कि कुछ असंतुष्ट कांग्रेसी उनका साथ नहीं दे रहे हैं। जिस पर राहुल गांधी ने उन्होंने बड़े प्यार से समझा कर चुनाव को प्रतिष्ठा से जोड़ दिया। चुनाव प्रचार में भाजपा ने भी कोई कमी नहीं छोड़ी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी से लेकर राजनाथ सिंह, बीसी खंडूरी, सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद, भगत सिंह कोश्यारी, पंकज सिंह ने भी कई जनसभाएं की। सपा ने अखिलेश सिंह, शाहिद सिद्दीकी, रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, अबू आजमी, फिल्म अभिनेता विजीत प्रधान को प्रचार के लिए मैदान में उतारा था।
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