Saturday, July 16, 2011

भूल थी राकांपा को गृह मंत्रालय देना : चह्वाण


महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण के मुंह से शुक्रवार को राज्य का गृह मंत्रालय अपने पास न होने की कसक निकल ही गई। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय राकांपा को देना बड़ी भूल थी। हालांकि मामला तूल पकड़ता, उससे पहले ही गृहमंत्री आरआर पाटिल की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री अपनी बात से पीछे हट गए। दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने मोहन प्रकाश ने भी यह कहते हुए चह्वाण के बयान से किनारा कर लिया कि उन्हें मुख्यमंत्री के बयान की जानकारी नहीं है। दरअसल, मुख्यमंत्री ने एक टीवी चैनल को साक्षात्कार में कहा कि पहले गृह एवं वित्त जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय मुख्यमंत्री अथवा उनके दल के पास ही रखने की परंपरा थी, लेकिन शिवसेना-भाजपा की सरकार जाने के बाद जब 1999 में राज्य में कांग्रेस-राकांपा की सरकार बनी तो उसने भी शिवसेना-भाजपा वाला सूत्र अपनाते हुए ये दोनों महत्वपूर्ण मंत्रालय कांग्रेस ने अपने सहयोगी दल को दे दिए। मुख्यमंत्री के अनुसार इस निर्णय पर पुनर्विचार होना चाहिए। चह्वाण के बयान के बाद यह खबर फैली कि मुंबई की कानून-व्यवस्था एवं यहां होने वाली आतंकी घटनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री गृह जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय राकांपा के पास होने से संतुष्ट नहीं हैं। लेकिन इस खबर पर राकांपा की प्रतिक्रिया आती, उससे पहले ही मुख्यमंत्री ने एक बार फिर टीवी पर आकर गृह मंत्री पाटिल की बाकायदा तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने ये बातें मुंबई विस्फोटों के संदर्भ में नहीं कही थी। इसलिए इस प्रसंग को यहीं खत्म किया जाना चाहिए। चह्वाण भले ही सहयोगी दल के साथ रिश्ते मधुर रखने के लिए सफाई देते नजर आ रहे हों, लेकिन उनकी पहले व्यक्त की गई भावना को ही कांग्रेस की मूल भावना माना जा रहा है। 26 नवंबर, 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले के बाद मुख्यमंत्री पद की शपथ लेनेवाले अशोक चह्वाण भी कह चुके हैं कि गृह विभाग मुख्यमंत्री या उनके दल के पास रहने से राज्य की कानून-व्यवस्था बनाए रखना ज्यादा आसान होता है।

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