Saturday, July 30, 2011

बगावत से डरी भाजपा ने टाली बैठक


नई दिल्ली भाजपा आलाकमान के सख्त रवैये के चलते गुरुवार को ही मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार हो गए बीएस येद्दयुरप्पा अब अपनी पसंद का उत्तराधिकारी तय होने तक इस्तीफा न देने पर अड़े हुए हैं। इसके लिए उनके समर्थकों ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह व राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली के सामने ही मोर्चा खोल दिया है। लगभग 70 विधायकों व 14 सांसदों ने येद्दयुरप्पा को ही मुख्यमंत्री बरकरार रखने की मांग की। यह एक तरह से येद्दयुरप्पा का शक्ति प्रदर्शन था, जिससे वह राज्य में सत्ता परिवर्तन के सूत्र अपने हाथ में रखना चाहते हैं। येद्दयुरप्पा अपने उत्तराधिकारी के रूप में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद सदानंद गौड़ा को लाना चाहते हैं। सबसे बड़ी समस्या येद्दयुरप्पा के इस्तीफा न देने से खड़ी हो रही है। जब तक वह इस्तीफा नहीं देते हैं पार्टी नया नेता नहीं चुन सकती है। दोपहर बाद जब राजनाथ सिंह व जेटली येद्दयुरप्पा से मिलने पहुंचे तो येद्दयुरप्पा ने उनके सामने ज्योतिषीय कारणों से 31 जुलाई तक इस्तीफा न देने की बात रखी। इसके चलते शाम को होने वाली विधायक दल की बैठक टालनी पड़ी। सूत्रों के अनुसार राज्य में नए घटनाक्रम में बेल्लारी के दोनों रेड्डी बंधु भी फिलहाल येद्दयुरप्पा के साथ खड़े हैं। भाजपा नेतृत्व को यह आशा कतई नहीं थी कि येद्दयुरप्पा के साथ इतना समर्थन जुड़ सकेगा। अब उसके सामने येद्दयुरप्पा की बात मानने की मजबूरी बढ़ गई है क्योंकि इस मोड़ पर वह सरकार गंवाने का खतरा भी नहीं उठा सकती है। दिन भर चली चर्चाओं के दौर में नए नेता के नाम पर भी फिलहाल कोई सहमति नहीं बन सकी है। येद्दयुरप्पा खेमे से सदानंद गौड़ा के अलावा वीएस आचार्य का नाम भी है। हालांकि केंद्रीय नेतृत्व अनंत कुमार के साथ जगदीश शेट्टार, सुरेश कुमार व ईश्वरप्पा के साथ सभी नामों पर विधायकों को टटोलना चाहता है। येद्दयुरप्पा किसी को उप मुख्यमंत्री भी नहीं चाहते हैं। एक फार्मूले में वोकलिग्गा या ब्राह्मण मुख्यमंत्री बनने के चलते सामाजिक समीकरण साधने के लिए लिंगायत समुदाय के जगदीश शेट्टार को उपमुख्यमंत्री बनाने की बात भी आई थी। येद्दयुरप्पा चाहते हैं कि राज्य में मुख्यमंत्री तो उनकी पसंद का हो ही, प्रदेश संगठन भी उनके हाथ में रहे। इसके लिए वह प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते हैं, लेकिन पार्टी उन्हें केंद्र में उपाध्यक्ष बनाए जाने के पक्ष में है। मालूम हो कि येद्दयुरप्पा ने बुधवार देर रात दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी व अन्य नेताओं के साथ बैठक में भी अडि़यल रवैया अपनाया था। अपना पक्ष रखने के लिए वह अपने साथ राज्य के महाधिवक्ता को भी साथ लाए। रात तीन बजे तक चली इस बैठक में महाधिवक्ता ने लोकायुक्त की रिपोर्ट को हाईकोर्ट में चुनौती देने व उसमें सरकार के साफ तौर पर बच निकलने को लेकर दलीलें भी दी थीं।



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