1979 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने किया था पाक संग समझौते से इंकार
वाशिंगटन, प्रेट्र: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने परमाणु हथियार का विकास और प्रयोग नहीं करने के लिए पाकिस्तान के साथ समझौता करने से इंकार किया था। 1979 में देसाई ने अमेरिका से कहा था कि यदि इस्लामाबाद परमाणु विस्फोट करता है तो भारत उसका मुंहतोड़ जवाब देगा। उन्होंने यह चेतावनी भारत में अमेरिका के तत्कालीन राजदूत रॉबर्ट एफ गोहीन के साथ एक बैठक में दी थी।
अमेरिका की ओर से मंगलवार को जारी किए गए एक गुप्त दस्तावेज में यह जानकारी दी गई है।
गोहीन के आग्रह पर हुई यह बैठक 55 मिनट तक चली थी, जो ह्वाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के निर्देशों के तहत हुई थी। गोहीन ने कहा था कि पाकिस्तान की ओर से परमाणु खतरे को खत्म करने के लिए अमेरिका भारत के साथ काम करना चाहता है। इस बारे में किसी भी समाधान के लिए भारत का सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है। देसाई ने परमाणु हथियारों के विकास और इस्तेमाल नहीं करने के मुद्दे पर किसी संयुक्त समझौते पर तर्क दिया कि इस तरह की प्रतिबद्धता वह पहले ही कर चुके हैं। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था, यदि पाकिस्तान भी ऐसा करता है तो दोनों प्रतिबद्धताएं उतनी ही अच्छी होंगी जितना कि संयुक्त समझौता। उन्होंने गोहीन की इस सलाह को खारिज कर दिया कि औपचारिक समझौता ज्यादा प्रभावी होगा। उन्होंने परमाणु हथियार मुक्त क्षेत्र की अवधारणा को स्पष्ट रूप से नकार दिया। गोहीन के यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान द्वारा परमाणु परीक्षण किए जाने पर भारत की प्रतिक्रिया क्या होगी? मोरारजी ने आक्रामक लहजे में कहा, यदि पाकिस्तान परमाणु परीक्षण करने के लिए तैयार है या परीक्षण करता है तो वह इसका जवाब देने के लिए तत्काल कार्रवाई करेंगे। उन्होंने उस समय पाकिस्तान के विदेश सचिव शाहनवाज को आश्वासन दिया था कि उनके देश के प्रति भारत की अच्छी मंशा है। उन्होंने शाहनवाज को 1965 और 1971 के युद्ध की भी याद दिलाई जब भारत ने पाकिस्तान को धूल चटाई थी।
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