राहुल गांधी की निजी बातचीत भी कांग्रेस के लिए पत्थर की लकीर है। कांग्रेस के महाधिवेशन ने इस बात की भी तस्दीक कर दी है। राहुल ने जिहादी आतंक की तुलना में हिंदू कट्टरपंथी ताकतों को ज्यादा घातक बताया था। अब पूरी पार्टी न सिर्फ इस लाइन को दोहरा रही है, बल्कि उसे और आगे बढ़ाने में जुट गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उद्घाटन भाषण में ही हिंदू कट्टरपंथ के खिलाफ एजेंडा निर्धारित कर दिया। राजनीतिक प्रस्ताव प्रणब मुखर्जी ने रखा और पार्टी ने इसे पारित कर संघ परिवार (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भाजपा और विहिप) के हिंदू आतंकी संगठनों से रिश्तों की जांच की पुरजोर पैरवी की। हिंदू कट्टरपंथ के खिलाफ पार्टी की सबसे मुखर आवाज दिग्विजय सिंह ने रही सही कसर पूरी कर दी। उन्होंने सरस्वती शिशु मंदिरों से लेकर पूरे संघ परिवार पर न सिर्फ निशाना साधा, बल्कि आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार निर्दोष मुसलमान युवाओं को जल्दी रिहा कराने के लिए गृह मंत्री पी. चिदंबरम से सिफारिश भी कर डाली। यूं तो भ्रष्टाचार कांग्रेस महाधिवेशन के केंद्र में था, लेकिन विकिलीक्स के जरिए राहुल की राय सार्वजनिक होने के बाद सांप्रदायिकता के मुद्दे पर पार्टी के रुख में ज्यादा आक्रामकता थी। राजनीतिक प्रस्ताव मेंसाफ उल्लेख है कि हाल के कुछ मामलों के आधार पर सरकार को संघ के आतंकी संगठनों से रिश्तों की जांच करानी चाहिए। जांच के बाद नतीजों का पूरा खुलासा होना चाहिए। प्रस्ताव में कहा गया किभाजपा और संघ जैसे संगठनों से देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को खतरा है। संघ और विहिप भारत को तोड़ने के अपने प्रयासों को तेज कर रहे हैं। गुजरात के दंगों का हवाला देते हुए कहा गया कि कांग्रेस इस न माफ किए जाने वाले कत्लेआम के सभी आरोपियों पर मुकदमे चलाएगी। हिंदू आतंकवाद पर पहले ही सबसे ज्यादा मुखर दिग्विजय के तेवर राहुल गांधी और पार्टी के खुले समर्थन के बाद आज सातवें आसमान पर थे। उन्होंने संघ और भाजपा की तुलना हिटलर के नाजीवाद से की, और कहा जिस तरह से नाजी पार्टी ने यहूदियों को राष्ट्रवाद के नाम पर मारा था, उसी तरह भाजपा मुसलमानों को मारना चाहती है। शिशु मंदिरों में नफरत का जहर भरा जा रहा है। सेना तकमें उनके लोग घुस चुके हैं। मालेगांव ब्लास्ट में सेना के दो जवान पकड़े गए हैं। साथ ही दिग्विजय ने कटाक्ष किया भाजपा से पूछना चाहता हूं कि हर हिंदू आतंकी नहीं होता, लेकिन आतंकवादी घटना के लिए जिम्मेदार हर हिंदू संघ से जुड़ा हुआ क्यों होता है ?
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