रांची मुख्यमंत्री द्वारा सचिवालय में गृह विभाग की आननफानन में बुलाई गई बैठक में पुलिस अधिकारियों की खूब क्लास लगी। मुख्यमंत्री ने जहां जिलों से मासिक रिपोर्ट मुख्यालय को नहीं मिलने पर नाराजगी जताई वहीं अफसरों को स्पष्ट हिदायत दी कि इसमें कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने इसे अनुशासनहीनता करार देते हुए कहा कि शिथिलता और लापरवाही करने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने बैठक में निर्देश दिया कि भूमि हड़पने, एससी-एसटी से जुड़े मामलों, महिला और बाल अत्याचार से जुड़े मुकदमे जल्द निपटाने की जरूरत है। मुख्यालय से इसकी समय-समय पर मानीटरिंग आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने संगठित गिरोहों पर धावा बोलने का आदेश देते हुए कहा कि एक अभियान चलाकर इनका खात्मा करें। मुख्यमंत्री का दबाव इस बात को लेकर था कि कार्यकुशल सिपाहियों को प्रशिक्षित करें ताकि आम आदमी को यह अहसास रहे कि पुलिस उनकी सुरक्षा में हमेशा तत्पर है। मुंडा ने बताया कि उन्होंने अपने स्तर से केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि सक्षम पुलिसकर्मियों को मेरू स्थित बीएसएफ कैंप में प्रशिक्षण दिया जाए
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