मनमोहन सिंह के अपनी टीम में आल इज वेल का संदेश देने के 24 घंटे के भीतर गृहमंत्री पी चिदंबरम और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के बीच छिड़ा घमासान दूर करने की कवायद चरम पर पहुंच गई है। सरकार के संकट में फंसे होने का हवाला देकर मतभेदों को भुला 2 जी घोटाले पर वित्त मंत्रालय के नोट से उठे राजनीतिक बवाल को शांत करने के लिए प्रणव को स्पष्टीकरण जारी करने के लिए मनाने की कोशिशें तेज हो गई है। शाम को कोलकाता से दिल्ली आए प्रणब अपनी तरफ से कोई बयान जारी कर सकते हैं, जिसमें वित्त मंत्रालय के उस नोट पर भी स्पष्टीकरण हो सकता है, जिसके बाद चिदंबरम पर इस मामले में संलिप्तता का आरोप प्रगाढ़ हुआ है। प्रणब ने पीएम और सोनिया गांधी को इस मामले में सफाई देते हुए चार पेज का एक पत्र भी लिखा, जिसमें कहा गया है कि 25 मार्च का नोटन सिर्फ वित्त बल्किअन्य मंत्रालयों की सलाह पर ही लिखा गया। कांग्रेस आलाकमान से मुखर्जी की मंगलवार शाम हुई मुलाकात के बाद सामने आई इस चिट्ठी को विवाद दबाने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि विचार-विमर्श का तर्क अदालत में जारी सुनवाई के दौरान इस नोट को सुबूत बनने से रोक सकता है। सूत्रों के मुताबिक, प्रणब की ताजा चिट्ठी में इस बात पर जोर दिया गया है कि 25 मार्च को वित्त मंत्रालय से पीएमओ भेजा गया नोट दरअसल, अंतरमंत्रालयी विचार- विमर्श का हिस्सा था और यह प्रधानमंत्री कार्यालय व कैबिनेट सचिवालय की जानकारी पर आधारित था। वित्त मंत्रालय की दलील है कि चूंकि इस पूरे विवाद पर अलग-अलग कथन सामने आते रहे हैं, लिहाजा 25 मार्च को भेजे गए नोट के सहारे समग्र व एकजुट पक्ष रखने की कोशिश की गई। यह अलग बात है कि यह नोट जब सामने आया तो विवाद का सबब बन गया। इसे बुधवार को सरकार और संगठन के स्तर से मुखर्जी-चिदंबरम के बीच तकरार की धारणा तोड़ने की कोशिश माना जा रहा है। कांग्रेस में अंदरखाने वित्त मंत्रालय का 25 मार्च का नोट हैरानी का सबब है जिसमें कहा गया है कि तत्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम को 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए जोर देना चाहिए था। सूत्रों ने कहा, नोट का मकसद चिदंबरम को नीचा दिखाना नहीं हो सकता, ऐसी मंशा होती तो मार्च में लिखा गया यह नोट कब का लीक कर दिया गया होता। कांग्रेस और पीएम इस मामले में पूरी तरह चिदंबरम का साथ देकर भाजपा के आरोपों को हवा में उड़ा रहे हैं कि सरकार के अंदर अनबन है। कांग्रेस आधिकारिक रूप से यह मानने को कतई तैयार नहीं है कि सरकार में किसी प्रकार का मतभेद है। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इसे भाजपा की कुंठाओं का नतीजा करार दिया और कहा,वित्त मंत्रालय के नोट का 2जी मामले पर कोई कानूनी प्रभाव नहीं पडे़गा। संकेत हैं कि तकनीकी रूप से इस मसले पर अदालत व सीबीआइ के चंगुल से चिदंबरम को निकालने के बाद सरकार अपनी लड़ाई तेज करेगी।
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