Friday, September 30, 2011

नीलेकणि ने योजना आयोग के आरोप नकारे


तय मानकों से अलग हटकर काम करने के योजना आयोग के आरोपों को नकारते हुए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) के अध्यक्ष नंदन नीलेकणि ने कहा कि है वह प्रधानमंत्री से मिले अधिकारों के तहत ही काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी को कुछ संदेह है तो इस बारे में उसी से पूछा जाना चाहिए। भारत में आधार संख्या जारी करने की परियोजना की शुरूआत को एक साल पूरा होने के अवसर पर आयोजित समारोह में नीलेकणि ने स्पष्ट किया कि उन्हें प्रधानमंत्री से अधिकार मिले हुए हैं। प्राधिकरण के महानिदेशक राम सेवक शर्मा को योजना आयोग के उपाध्यक्ष ने अधिकार सौंपे हैं और वित्तीय सलाहकार के गंगा को व्यय सचिव की ओर से अधिकार प्राप्त हैं। उन्होंने साफ किया कि यूआइडीएआइ तय प्रक्रिया से नहीं हट रहा है और अगर कोई समझता है कि अधिकार अलग होने चाहिए तो वह कुछ नहीं कर सकते। खबरों के मुताबिक योजना आयोग ने इस बात पर चिंता व्यक्त की थी कि यूआइडीएआइ सरकार द्वारा तय प्रक्रियाओं से हटकर काम कर रहा है। नीलेकणि ने कहा कि योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया इस प्राधिकरण के सबसे बड़े समर्थक हैं और यह बात उनसे सीधे पूछी जानी चाहिए। खबरों के मुताबिक योजना आयोग ने वित्त मंत्रालय को प्राधिकरण में एक पूर्णकालिक वित्तीय सलाहकार नियुक्त करने का भी सुझाव दिया है। योजना आयोग को जवाब देते हुए नीलेकणि ने कहा कि यूआइडीएआइ एक सरकारी विभाग है जो सरकारी नियमों, प्रक्रियाओं, बजट के प्रावधानों के अनुसार काम करता है और संसदीय समितियों, प्रवर्तन एजेंसियों आदि के प्रति जवाबदेह है। उन्होंने साफ किया कि प्राधिकरण ने संचालन में पारदर्शिता और निष्ठा कच् उच्च मानक तय किए हैं। प्राधिकरण के समक्ष धन की कमी के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे वित्तीय संसाधनों से संतुष्ट हैं। इस बारे में कोई मुद्दा नहीं है। प्राधिकरण के महानिदेशक शर्मा ने कहा कि आधार के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी तरह निशुल्क है और यदि पंजीकरण केंद्रों पर किसी तरह का धन मांगे जाने की शिकायतें मिलती हैं तो ऐसे लोगों के विरूद्ध आपराधिक मामला दर्ज कराया जाएगा। शर्मा ने जम्मू कश्मीर और उत्तर-पूर्व के कुछ राज्यों में पंजीकरण प्रक्रिया धीमी होने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि प्रयास जारी हैं।

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