Monday, November 21, 2011

विदेशों में खाते न होने का एलान करेंगे राजग सांसद


यात्रा पूरी, लेकिन जंग अधूरी... कहकर भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने संसद सत्र के लिए संप्रग सरकार के खिलाफ एजेंडा तय कर दिया है। सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए सत्र के पहले सप्ताह में राजग के सभी सांसद विदेश में अवैध खाता व अवैध संपत्ति न होने के घोषणा पत्र लोकसभा अध्यक्ष व राज्यसभा सभापति को सौंपेंगे। जनचेतना यात्रा की समापन रैली में राजग तो जुटा, लेकिन घर के घमासान के चलते पार्टी के मुख्यमंत्री शुभारंभ के बाद इससे भी दूर रहे। भ्रष्टाचार व कालेधन के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ जिद के साथ जंग छेड़ने के लिए लालकृष्ण आडवाणी ने देश भर की यात्रा पूरी कर पार्टी व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को अपना दमखम दिखाने की कोशिश की है। यात्रा ने पार्टी के काडर को तो सक्रिय किया, लेकिन आडवाणी की अपनी सक्रियता ने पार्टी में उनके विरोधियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इससे भाजपा में प्रधानमंत्री पद का विवाद और उभर सकता है। आडवाणी ने इस यात्रा के शुरू से अंत तक राजग को जोड़कर नए संकेत भी दिए हैं। समापन रैली में भी राजग के पुराने सहयोगी दलों के साथ नई जुड़ी रिपब्लिकन पार्टी के रामदास आठवले के साथ अन्नाद्रमुक की उपस्थिति काफी अहम रही। दो दिन बाद 22 नवंबर से संसद सत्र शुरू हो रहा है और भाजपा यात्रा के मुद्दे से संसद को भी गरमाने की तैयारी में है इसीलिए सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए राजग के सांसदों की तरफ से विदेश में अवैध खाता व अवैध संपत्ति न होने का घोषणा पत्र देने का एलान कर दिया। समापन सभा में आडवाणी के तेवर तो तीखे थे ही, उनके साथ भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली व राजग संयोजक शरद यादव ने भी सरकार पर हल्ला बोला। आडवाणी ने जनचेतना व जनमत बनाने के साथ सरकार बदलने का भी आह्वान किया। गडकरी ने मनमोहन सिंह को मजबूर व लाचार बताकर उनपर तरस जताया। उन्होंने सोनिया गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार में सिर्फ लक्ष्मी दर्शन चल रहा है। एक नारा सा बन गया है कि जात पर न पात पर सोनिया जी की बात पर देश को लूटो। उन्होंने चिदंबरम को जेल न भेजने व नोट के बदले वोट मामले में व्हिसिल ब्लोअर को जेल भेजे जाने पर सोनिया से माफी की मांग भी की। अरुण जेटली ने कहा इस सरकार की साख तो बची ही नहीं है, नेतृत्व का संकट भी खड़ा हो गया है। सुषमा स्वराज ने कहा उन्होंने संसद में प्रधानमंत्री से एक शेर के जरिये सवाल किया था, जिसका जवाब उन्होंने एक बेतुके शेर से दिया था। अब वह प्रधानमंत्री पर एक और शेर पढ़ रही हैं कि मैं बताऊं तेरा काफिला क्यों लुटा, क्योंकि तेरा रहजनों (लुटेरों ) से वास्ता था। (संबंधित खबरें पेज-3 पर)

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