Monday, December 19, 2011

कांग्रेस ने मुसलमानों के साथ विश्वासघात किया


मुस्लिम, क्षत्रिय और वैश्य समाज की रैली में बसपा सुप्रीमो एवं मुख्यमंत्री मायावती ने कांग्रेस पर जमकर तंज कसे। कांग्रेस पर मुसलमानों के साथ विश्र्वासघात करने का आरोप लगाया। मुस्लिम समाज की दुर्दशा के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए इससे सावधान रहने की नसीहत दी। उन्होंने सच्चर कमेटी की सिफारिशों और अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंश के लिए भी कांग्रेस को कसूरवार ठहराया। रमाबाई मैदान में आयोजित पार्टी की तीसरी बड़ी रैली में बसपा अध्यक्ष के मुख्य निशाने पर कांग्रेस और इसके महामंत्री राहुल गांधी रहे। हालांकि उन्होंने राहुल का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उन पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस को बसपा का हाथी सता रहा है। कांग्रेस की दिमागी हालत इतनी खराब हो गई है कि उसे हाथी पैसा खाता हुआ दिखाई पड़ रहा है। पांच वर्ष में प्रदेश की तस्वीर बदल देने के राहुल के बयान की भी उन्होंने खिल्ली उड़ाई। कहा,आजादी के बाद लगातार 40 साल तक सत्ता में रहने पर भी कांग्रेस कुछ नहीं कर पाई तो पांच वर्ष में वह क्या कर लेगी। यह पार्टी लोगों से धोखा कर रही है। इसी कड़ी में विदेशों में जमा कालाधन के मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने कांग्रेस को चुनौती दी, कांग्रेस यदि कुछ करना चाहती है तो वह इसकी घोषणा करे कि विदेशी बैंकों में जमा कालाधन वापस लाएगी और उसका पचास प्रतिशत यूपी के विकास पर खर्च किया जाएगा। प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा कानून पर उन्होंने कहा कि इस विधेयक का मकसद केवल मतदाताओं को लुभाना भर है। इस दौरान बसपा मुखिया ने लोगों को सपा व भाजपा का भय भी दिखाया। कहा कि भाजपा सत्ता में आई तो सामंतवादी और सांप्रदायिक ताकतें मजबूत होंगी, जबकि अगर गलती से भी सपा की सरकार बनी तो फिर गुंडाराज कायम हो जाएगा। इसी कड़ी में उन्होंने भाजपा के अपने भाई आनंद व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र के परिवारीजनों पर लगाए गए आरोपों को भी चुनावी करार दिया और कहा, 2007 में सत्ता में आने के बाद पौने पांच साल तक भाजपा को मेरे और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के परिवार वालों की कंपनियों में कमी दिखाई नहीं पड़ी। उन्होंने कहा कि भाजपा यह काम आयकर विभाग पर छोड़ दे और बचे-खुचे जनाधार की चिंता करे। इस दौरान उन्होंने यह भी गिनाया कि क्षत्रियों और वैश्यों के लिए क्या-क्या किया गया है। क्षत्रियों के लिए उन्होंने सर्वसमाज शब्द का ही इस्तेमाल किया। उन्होंने बताया कि बसपा ने मुस्लिम समाज को हर स्तर पर भागीदारी दी। सांसद-विधायक बनाए, मंत्री बनाए। नसीमुद्दीन सिद्दीकी का जिक्र करते हुए बताया कि इनके पास दर्जन विभाग हैं। छात्र-छात्रा के वजीफे, उर्दू-अरबी-फारसी विश्वविद्याय का जिक्र किया, मदरसों को अनुदान सूची में लेने की बात भी बताई और राज्य हज कमेटी के नये कार्यालय की भी बात की। कहा कि मुस्लिमों के हित बसपा में ही सुरक्षित हैं। साथ ही वैश्य समुदाय को उत्पीड़न से मुक्त दिलाने, वाणिज्य कर के चेकपोस्ट समाप्त करने और वैट का जिक्र उन्हें आकर्षित करने की कोशिश की। क्षत्रियों को भी याद दिलाया कि उनके शासन में उन्हें कितना सम्मान मिला है।

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