Friday, October 14, 2011

अभी नहीं हटे हैं भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे मंत्री : शिवपाल


नेता प्रतिपक्ष शिवपाल सिंह यादव ने यहां कहा कि मुख्यमंत्री अफसरों पर गलत कामों के लिए दबाव डालती हैं, जो अफसर नियमविरुद्ध कार्य करने को राजी नहीं होते हैं उन्हें प्रताडि़त व निलंबित किया जाता है। वहीं भ्रष्टचार में आकंठ डूबे मंत्री मुख्यमंत्री की मेहरबानी से अभी भी मंत्रिमंडल में बने हुए हैं। अब सपा ऐसे मंत्रियों की लोकायुक्त से शिकायत करेगी। यादव गुरुवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हाल ही में निलंबित की गईं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी प्रोमिला शंकर इसका प्रमाण है। यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र के तहत उपजाऊ कृषि भूमि के नगरीयकरण योजना के प्रस्ताव पर एतराज जताने पर उन्हें गलत आरोपों में निलंबित कर दिया गया। यादव ने कहा कि दबाव और प्रताड़ना के चलते पूर्व में तत्कालीन प्रमुख सचिव आवास हरमिंदर राज सिंह को आत्महत्या कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि आठ हजार करोड़ के एनआरएचएम घोटाले में तीन चिकित्साधिकारियों की हत्या हुई। अपराधियों का जेल जाना, डिप्टी सीएमओ डा.वाइएस सचान को जेल से बाहर ले जाकर फार्म हाउस पर उनकी हत्या मामले में प्रमुख सचिव गृह व कारागार मंत्री की भूमिका संदेह के घेरे में है। सपा नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास कुछ दिनों तक परिवार कल्याण विभाग रहा इसलिए सीबीआइ को इस परिप्रेक्ष्य में भी जांच करनी चाहिए। उन्होंने दोहराया कि नैतिकतावश मुख्यमंत्री को स्वयं ही इस्तीफा दे देना चाहिए था, लेकिन वे इस्तीफा नहीं सौंप रहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिन मंत्रियों के टिकट काटे गए हैं, नैतिक रूप से उन्हें मंत्री बने रहने का कोई अधिकार नहीं रहा है। मुख्यमंत्री को ऐसे मंत्रियों से इस्तीफा लेना चाहिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि घोटालों में शामिल मंत्रियों और अपराधियों के लिए सपा में कोई जगह नहीं है। प्रदेश सरकार के आधा दर्जन वरिष्ठ मंत्रियों के नाम लेकर उन्होंने कहा कि सरकार में शीर्ष स्तर पर मिलीभगत के चलते भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे इन मंत्रियों को अभी भी मुख्यमंत्री ने उनके पद से नहीं हटाया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि लोकायुक्त की रिपोर्ट के बाद दबाव में जिन मंत्रियों को बर्खास्त किया गया, आर्थिक अपराध को लेकर उनके खिलाफ कोई रिपोर्ट नहीं दर्ज कराया जाना सरकार में उच्च स्तर पर मिलीभगत के शक को पुख्ता करता है।

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