Monday, October 3, 2011

आडवाणी की यात्रा पर संगठन में कोई मनभेद नहीं

 वाराणसी भाजपा अपने आंतरिक कलह पर पर्दा डालने की कोशिशों में जुट गई है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी की मानें तो लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा को लेकर संगठन में कोई मतभेद या मनभेद नहीं है। यात्रा के लिए पार्टी ने आडवाणी से अनुरोध किया था। नकवी रविवार को महानगर में थे। पार्टी के क्षेत्रीय कार्यालय में उन्होंने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत की। इससे पहले नकवी ने काशी क्षेत्र की बैठक में भी हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि आडवाणी की रथयात्रा का कार्यक्रम न सिर्फ गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी बल्कि भाजपा शासित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को विश्वास में लेकर तय किया गया है। उनके मुताबिक आडवाणी की यात्रा के 12 अक्टूबर को वाराणसी पहुंचने तथा अगले दिन यहां से रवानगी के दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता व लोकलेखा समिति के अध्यक्ष डॉ.मुरली मनोहर जोशी भी मौजूद रहेंगे। वाराणसी व मथुरा से 13 अक्टूबर को शुरू होने वाली जन स्वाभिमान यात्राओं के जरिए पार्टी के सुशासन के संदेश को और मजबूती के साथ आमजन तक पहुंचाया जाएगा। कलराज मिश्र तथा राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली ये यात्राएं 350 विधानसभा क्षेत्रों में जाएगी। भाजपा उपाध्यक्ष ने कहा विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया चल रही है। पार्टी के आंतरिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार 288 सीटों पर भाजपा आम मतदाताओं को पहली पसंद के रूप में उभरी है। जरूरत इस बात की है कि इन मतदाताओं को मतदान के दिन बूथ तक पहुंचाया जाए। इस दिशा में प्रयास शुरु कर दिए गए हैं। अनुसूचित जाति/ जनजाति का आरक्षण कोटा बढ़ाने के लिए सूबे की मुख्यमंत्री मायावती की ओर से प्रधानमंत्री से की गई मांग को नकवी ने दिखावा करार दिया। कहा मायावती साढ़े चार वर्षो के शासन काल के दौरान अहंकार में तो उनकी सरकार भ्रष्टाचार में डूबी थी। मायावती के भ्रष्टाचार का सिंहासन अब डोलने लगा है। अपने डोलते सिंहासन से घबराकर व चुनाव नजदीक देख मायावती को अब सामाजिक समीकरण की चिंता सताने लगी है।

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