Friday, September 7, 2012

कहतें हैं की दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंककर पीता है



नई दिल्ली। कहतें हैं की दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंककर पीता है। कुछ ऐसी स्थिति ही इस बार के छात्र संघ चुनाव को लेकर एबीवीपी और एनएसयूआई की है। यही कारण है कि इस बार दोनों छात्र संगठन कास्ट फैक्टर पर ज्यादर ध्यान दे रहे हैं। बीते साल डूसू चुनाव में उतरने वाले प्रमुख छात्र संगठन एबीवीपी व एनएसयूआई ने कास्ट कार्ड का पूरी तरह से इस्तेमाल करने में चूक कर दी थी। इस बार इस तरह की चूक छात्र संगठन नहीं करने वाले। बीते साल जाट कार्ड न खेलने के चलते एबीवीपी ने अध्यक्ष सीट गंवा दी थी। वहीं एनएसयूआई को यादव व वैश्य प्रत्याशी को न खड़ा करने के चलते तीन सीटों से हाथ धोना पड़ा था, लेकिन इस बार के चुनाव में कास्ट फैक्टर का ख्याल रखा जा रहा है। हालांकि छात्र संगठनों का हर बार की तरह इस बार भी यही तर्क है कि वे काम करने वालों को ही चुनाव मैदान में उतार रहे हैं। इस बार के चुनाव की बात करें तो एबीवीपी ने कास्ट कार्ड पर ज्यादा ग्लैमर पर कम जोर दिया है। जबकि एनएसयूआई कास्ट कार्ड के साथ ग्लैमर पर ज्यादा जोर दे रही है। यहां खास यह भी है कि मैच्योर प्रत्याशी को भी खड़े करने की तैयारी है। उधर, नामांकन-पत्र वापस का बृहस्पतिवार दोपहर 12 बजे तक का समय दिया गया है, जिसके बाद शाम तक उम्मीदवारों की फाइनल सूची जारी की जाएगी। डूसू चुनाव में बीते साल एनएसयूआई ने जाट समुदाय के अजय छिकारा को अध्यक्ष सीट पर उतारा था, जिसमें एनएसयूआई को सफलता मिली थी। जबकि एबीवीपी ने जाट-गुर्जर से इतर अन्य वगरे जैसे यादव और वैश्य वर्ग से अपने प्रत्याशी उतारे थे। जिससे तीन सीटों पर एबीवीपी ने जीत हासिल कर ली थी, लेकिन प्रमुख अध्यक्ष सीट पर उसे मुंह की खानी पड़ी थी। पिछले साल दोनों छात्र संगठनों का ग्लैमर कार्ड फेल हो गया था। एबीवीपी की ओर से ग्लैमर कार्ड के तौर पर अध्यक्ष सीट पर उतरीं नेहा सिंह व एनएसयूआई की ओर से सचिव सीट पर उतरीं पराग शर्मा को शिकस्त मिली थी। इस बार जिन उम्मीदवारों का एबीवीपी ने नामांकन कराया है, उनमें ज्यादातर गुर्जर व जाट हैं। इसके अलावा ब्राह्मण को भी तरजीह दी गई है। एबीवीपी के अंकित धनंजय चौधरी, केशव रजत, रितु राणा, परीक्षित डागर, योगेश दहिया और सुरजीत चहल जाट समुदाय से हैं। इसी प्रकार गौरव चौधरी और विशु बसोया गुर्जर समुदाय से हैं। ग्लैमर कार्ड के तौर पर ब्राह्मण वर्ग से प्रीती शर्मा का नामांकन किया गया है। सूत्रों के अनुसार प्रीति का नाम प्रबल दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है। एबीवीपी के प्रदेश मंत्री रोहित चहल कास्ट कार्ड की बात से इनकार न करते हुए काम करने वाले विद्यार्थियों को महत्व देने की बात करते हैं। साथ ही अप्रत्यक्ष तौर पर कहते हैं कि बीते साल की कमियों को ध्यान में रखते हुए प्रत्याशियों का चयन किया जा रहा है। एबीवीपी पूर्वाचली दावेदार को भी उतारने के मूड में हैं। जिसके लिए सम्मी सचिन का नामांकन कराया गया है। इसी प्रकार एनएसयूआई की बात करें तो उनकी ओर से जिन प्रत्याशियों का नामांकन कराया गया है, उनमें वरुण खारी गुर्जर, दीपक शर्मा, सन्नी शर्मा, रित पाण्डेय व रिची भार्गव, अखिल तोमर, अरुण हुड्डा और रवीना चौधरी जाट समुदाय से हैं। इसी प्रकार यादव वर्ग से मीनाक्षी यादव का भी नामांकन कराया गया है। बीते साल दो यादव प्रत्याशियों ने एबीवीपी की तरफ से जीत हासिल की थी।
एबीवीपी ज्यादातर जाट व गुर्जर प्रत्याशी उतारने के मूड में
एनएसयूआई जाट-गुर्जर के साथ ब्राह्मण-यादव कार्ड को दे रही महत्व
प्रत्याशियों की फेहरिस्त बनाने में सभी बारीकियों का ध्यान

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