Monday, September 17, 2012

माया-मुलायम को सरकार का साथ छोड़ने को मनाएंगे शरद



ठ्ठ जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली तमाम विरोध और धमकी के बावजूद खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश (एफडीआइ) को लेकर बेफिक्र दिख रही संप्रग सरकार के खिलाफ बड़ी लामबंदी की कोशिश शुरू हो गई है। राजग संयोजक शरद यादव ने संकेत दिया है कि वह बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से भी बात करेंगे। शरद ने ममता बनर्जी की तारीफ कर उन्हें अपने अल्टीमेटम पर अडिग रहने का संदेश भी दिया है। प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह, वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया पर अविश्वास जताते हुए शरद ने यहां तक कह दिया कि इन लोगों को देश की समझ ही नहीं है। एफडीआइ और डीजल मूल्य वृद्धि के खिलाफ 20 सितंबर को अलग-अलग ही सही लगभग समूचा विपक्ष सड़क पर उतरने जा रहा है। फिर भी सरकार आश्वस्त है तो इसका कारण बसपा को माना जा रहा है। ममता की समर्थन वापसी को लेकर भी राजग पूरी तरह आश्वस्त नहीं है। ऐसे में रविवार को शरद ने पहली बार आक्रामकता के साथ सीधे प्रधानमंत्री की काबिलियत और मंशा पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि एफडीआइ के जरिए प्रधानमंत्री करोड़ों लोगों को बेरोजगार करने पर तुले हैं। विपक्ष यह नहीं होने देगा। उन्होंने कहा, मनमोहन, चिदंबरम और मोंटेक जैसे लोग देश को नहीं समझ सकते हैं। जीडीपी बढ़ाने के लिए वह देश में लूट होने देंगे। भारत को ऐसे लोगों की जरूरत नहीं है। मनमोहन को वापस विश्व बैंक चले जाना चाहिए। सोनिया गांधी को चाहिए ऐसे लोगों से मुक्ति दिलाएं। राजग संयोजक ने मायावती और सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से भी बातचीत का संकेत दिया। साथ ही पिछली बार इसके आड़े आने वाली ममता की जमकर तारीफ की। एक सवाल पर उन्होंने कहा, ममता कभी खोखली धमकी नहीं देती हैं। शरद ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर भी निशाना साधा और कहा कि केंद्र के दबाव और सीबीआइ के डर से वह एफडीआइ का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह किस स्तर से उठकर आए हैं।

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