महोबा के डाक बंगला मैदान में राष्ट्रीय लोक मंच की सत्ता परिवर्तन रैली को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमर सिंह ने जनता को मामु राज से सावधान रहने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कभी माया तो कभी मुलायम, सपा बसपा सत्तासीन होती है किन्तु बुन्देलखण्ड़ के किसानों की दुर्दशा अपनी जगह कायम रहती है। इसलिए इस माया मुलायम मामु राज से सावधान रहने की जरूरत है। साथ हंी उन्होनें सीएम मायावती के प्रदेश को चार भागों में बांटने के पारित प्रस्ताव का समर्थन किया और कांग्रेस को नसीहत दी कि वह बुन्देलखण्ड़ सहित चारों राज्यों के गठन को मंजूरी दे। राज्य पुनर्गठन आयोग बनाये। सिने अभिनेत्री व सांसद जया प्रदा ने कहा कि यूपी सरकार ने प्रदेश को चार भागों में बांटने का जो काम अब किया यह मुद्दा अमर सिंह ने एक वर्ष पहले उठाया था। कहा कि बुन्देलखण्ड़ राज्य का निर्माण बिजली पानी सडक रोजगार यहां के निवासियों को मिल सके, इस हेतु जरूरी है। यहां से लोग रोजगार की खातिर बाहर जाकर अपमान सहें, यह लोक मंच को गंवारा नहीं। वीरभूमि महोबा में लोकमंच के गठन के बाद पहली बार आए अमर सिंह ने डाक बंगला के खचाखच भरे मैदान को देखकर क्रम के विरुद्ध आग्रह कर माईक संभाला। लगभग एक घंटे के अपने भाषण में उन्होंने कभी अपने सबसे करीबी रहे पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव को निशाने पर रखा। कहा कि वह अपराधी हैं। क्योंकि हर बार चुनाव में आकर वह सपा के लिए बोट मांगते रहे और वादा करते रहे कि सरकार बनने पर बुन्देलखण्डवासियों की समस्याओं का निदान होगा। लेकिन सपा शासन में मुलायम सिंह यादव ने चन्द्रपाल सिंह व दीपक को ही नेता माना और अगर बुन्देलखण्ड़ में कोई विकास हुआ तो इनका, और जनता समस्याओं से कराहती रही। बालू खनन् से भी मुलायम के करीबी उपरोक्त ने करोडों कमाए। कहा कि उप्र में एक रोटी की तरह उलट पुलट कर सपा बसपा आयी, लेकिन पानी तक की समस्या का निदान बुन्देलखण्ड़ का न हो सका। कहा कि जयराम रमेश केन्द्रीय मंत्री ने सीएम को एक प्रेम पत्र लिखा, जिसमें मनरेगा का जिक्र कर बताया गया है कि इसमें किस हद तक भ्रष्टाचार है। कहा कि इस भ्रष्टाचार में गोंडा पहले तो बुन्देलखण्ड़ का महोबा दूसरे नम्बर पर है। बुन्देलखण्ड़ में बिजली पानी सडक बेरोजगारी की समस्या का समाधान पृथक राज्य निर्माण है। कहा कि विधान सभा में चार राज्यों के उप्र के टुकड़े कर गठन के प्रस्ताव का वह समर्थन करते हैं और इस हेतु उन्होंने सीएम को बधाई भी दी है। कहा कि विधान सभा में पारित उक्त प्रस्ताव में प्रक्रिया पर बहस छिडी है। लेकिन सच्चाई यह है कि जो भी सत्ता में रहता है वह इसी प्रकार मनमानी करता है। इसके उन्होंने कई उदाहरण भी दिए। कहा कि संसदीय परम्पराओं के दोगले मापदण्ड नहीं होने चाहिए। उन्होंने भाजपा की भी चुटकी ली कहा कि लालजी टंडन कलाई पर मायावती से राखी बंधा बहना की रक्षा और प्रसंशा करने में संकोच न करते थे, लेकिन आज वही बहन उन्हें बुरी लग रही है। कहा कि बोया पेड बबूल का तो आम कहां से आएं? उन्होंने कहा कि मायावती से मांग यह की जानी चाहिए कि वह एक ेत पत्र जारी करें कि लखनऊ नोएडा के पार्कों के लिए उन्होंने जितना धन व्यय किया, उसके मुकाबले बुन्देलखण्ड़ के लिए क्या दिया? कहा कि पत्थर की बेजुवान मूर्तियों के लिए हजारों करोड़ व्यय किए गए लेकिन बुन्देलखण्ड़ के मर रहे किसानों के लिए इतना भी न किया गया कि वह आत्महत्याओं को मजबूर न हों। मुलायम के आज जन्म दिवस को उन्होंने याद किया और शारीरिक स्वस्थता की कामना की। कहा कि मुलायम सिंह यादव परमाणु करार के सबसे बडे नेता हैं लेकिन वह छोटे राज्यों के गठन के विरोधी इसलिए हैं कि वह जानते हैं कि यदि यह विभाजन हुआ तो वह सात जिलों के नेता रह जाऐगें। कहा कि कांग्रेस को चाहिए कि वह राज्य गठन के मामले में जबाहरलाल नेहरू के सपनों को साकार करें। सिने अभिनेत्री जयाप्रदा ने अपने सम्बोधन में कहा कि बुन्देलखण्ड पूर्वाचल के पृथक राज्य निर्माण के पूर्ण होने तक लोकमंच लडाई लडेगा। कहा कि वह हमेशा बुन्देलखण्ड़ की आवाज संसद में उठातीं रहीं हैं। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड़ के लोग बाहर जाकर अपमान सहें, यह मंजूर नहीं। कहा कि पश्चिम में पृथक राज्य निर्माण होने पर मुस्लिम को सीएम बनना चाहिए। कहा कि मुलायम 14 साल साथ रहने के बाद भी अमर सिंह को भूल गए, तो जनता को कैसे याद रखेगें? यह बडा सवाल है। उन्होंने आजम खां की भी आलोचना की।
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