Saturday, November 12, 2011

अन्ना का फायदा उठा रहे कोर समिति के कुछ सदस्य : पारूलेकर


गांधीवादी कार्यकर्ता को खुद निर्णय नहीं लेने दिए जाते। उन्हें खुद के दम पर भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का नेतृत्व नहीं करने दिया जा रहा है। अन्ना हजारे के ब्लॉगर रहे राजू पारूलेकर ने आरोप लगाया है कि कोर समिति के कुछ सदस्य हजारे का फायदा उठा रहे हैं। हजारे ने जनलोकपाल आंदोलन की कोर समिति का पुनर्गठन करने संबंधी बयानों पर खुद को पारूलेकर से अलग कर लिया था। इसके बाद ब्लॉगर ने सार्वजनिक रूप से टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी और प्रशांत भूषण पर आरोप लगाए थे। एक पत्रिका को दिए साक्षात्कार में पारूलेकर ने कहा कि आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी कारणों के चलते हजारे केजरीवाल, किरण और भूषण के साथ हैं। पारूलेकर ने कहा कि अन्नाजी ने यह महसूस करना शुरू कर दिया है कि यह गैंग (केजरीवाल, बेदी और भूषण) उनका फायदा उठा रहा है। वह जानते हैं कि जब तक ये लोग रहेंगे, तब तक आंदोलन से निस्वार्थ काम करने वाले लोग नहीं जुड़ेंगे। यह समूह अपने वित्तीय लाभ, शोहरत और पहचान कायम करने के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ जनभावनाओं का फायदा उठा रहा है। पारूलेकर को नहीं लगता कि अन्ना हजारे स्वतंत्र तरीके से फैसले करते हैं। हजारे कमजोर हैं और उन्हें कई बीमारियां हैं, लेकिन ये सभी लोग चाहते हैं कि वह अनशन पर बैठें। इन लोगों को आंदोलन से बाहर कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक हजारे आंदोलन का नेतृत्व करेंगे, बाकी तीन सदस्यों की पहचान बनी रहेगी, लेकिन केजरीवाल, बेदी और भूषण की योजनाएं अलग हैं। ये तीनों ही अवसरवादी हैं। पारूलेकर ने यह भी दावा किया कि आंदोलन की कोर समिति के लिए संविधान बनाने का फैसला एक तरह का समझौता था, जो इस गैंग ने कोर समिति में बने रहने के लिए हजारे के साथ किया था। 

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