दक्षिण के सेनापति ने छोड़ा भाजपा का साथ
बेंगलूर, प्रेट्र : कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री
बुकानाकेरे सिद्दलिंगप्पा येद्दयुरप्पा ने अपनी
पूर्व घोषणा के तहत शुक्रवार को भाजपा छोड़ दी। अफसोस जताते
हुए येद्दयुरप्पा ने आरोप लगाया कि अपनों ने ही उन्हें भाजपा छोड़ने पर
मजबूर किया। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे का पत्र राष्ट्रीय
अध्यक्ष नितिन गडकरी को भेज दिया। बड़े हुजूम के साथ विधानसभा भवन
पहुंचे येद्दयुरप्पा ने स्पीकर से मिलकर उन्हें विधायक पद से अपना त्याग
पत्र भी सौंपा। यहां
फ्रीडम पार्क में समर्थकों को संबोधित करते हुए 70 वर्षीय लिंगायत नेता
ने कहा, यह
कभी न भूलने वाला और दुख भरा दिन है। पार्टी ने मुझे सब कुछ
दिया और मैंने भी भाजपा के लिए काफी त्याग किया। लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं
ने ही मुझे धोखा दिया। वे मुझे पार्टी में नहीं देखना चाहते। चार दशक
तक भाजपा से जुड़े रहे येद्दयुरप्पा अपनी विदाई का एलान करते वक्त अपने आंसुओं
को न रोक सके। अवैध खनन में आरोपित होने पर जुलाई 2011 में आलाकमान के
कहने पर एक अनुशासित सिपाही की तरह मुख्यमंत्री पद छोड़ने की याद दिलाते
हुए येद्दयुरप्पा ने कहा कि उनकी अच्छाई को कमजोरी समझा गया। येद्दयुरप्पा
ने उम्मीद जताई कि पंजाब, ओडि़शा, उत्तर
प्रदेश की तरह कर्नाटक
जनता पार्टी क्षेत्रीय दल के रूप में राज्य को विकास के पथ पर ले जाएगी। साथ
ही विधानसभा की सभी 224 सीटों
पर लड़ने और लोकसभा चुनाव में 20 सीटें लाने
का दावा भी किया। पूर्व भाजपा नेता ने शेट्टार सरकार को चुनाव तक नुकसान
न पहुंचाने का वादा भी दोहराया। उन्होंने गडकरी समेत केंद्रीय नेतृत्व
पर वादाखिलाफी व कर्नाटक की सियासी नब्ज न पहचानने और विपक्षी नेताओं
के दांव में फंसने का आरोप लगाया। वह यह कहने से भी नहीं चूके कि भाजपा
ने उनकी 40 साल
की मेहनत को नजरअंदाज कर दिया। येद्दयुरप्पा ने अपने समर्थक
विधायकों-सांसदों को नौ दिसंबर को केजेपी की हवेरी में होने वाली रैली
में न आने की अपील की है, ताकि
भाजपा उन पर कार्रवाई न कर सके।
Dainik Jagran National Edition 1-12-2012 Page -1 jktuhfr)
No comments:
Post a Comment