Monday, April 16, 2012

58 फीसदी दिल्लीवालों ने डाले वोट


अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने के मामले में दिल्ली वाले इस बार दबंग निकले। तीन हिस्सों में विभाजित नगर निगम चुनाव में रविवार को रिकार्ड 55 से 58 फीसदी मतदान हुआ। कुछ बूथों पर मतदान रात नौ बजे तक चलता रहा। सबसे अधिक 65 फीसदी मतदान न्यू अशोक नगर वार्ड में हुआ। छावला में भी 62 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले। सबसे कम 43 फीसदी मतदान पॉश इलाके वसंत विहार में हुआ। हालांकि पिछले नगर निगम चुनाव में यहां केवल 28 फीसदी मतदान हुआ था। वोटिंग मशीनों में बंद 2423 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला अब 17 अप्रैल को होगा। बता दें कि 2007 के एमसीडी चुनाव में 42.78 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि 2002 में करीब 52 फीसदी वोट पड़े थे। दिल्ली में गठित होने वाले तीन नए निगमों में पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 64 वार्ड हैं जबकि उत्तरी व दक्षिणी दिल्ली नगर निगमों में 104-104 वार्ड हैं। मतदान करने में महिलाएं भी पीछे नहीं रहीं। 50 फीसदी हिस्सेदारी मिलने के बाद महिलाओं के मतदान में काफी बढ़ोतरी सामने आई है। साढ़े नौ घंटे तक मतदान प्रक्रिया में कुछ इलाकों में छिटपुट घटनाएं भी हुईं, तो दो गांवों सनौढ़ व लाडपुर के मतदाताओं ने चुनाव का बहिष्कार किया। हर बार की तरह पॉश कालोनियों में मतदान का प्रतिशत काफी कम रहा। 272 सीटों पर हुए मतदान में मतदाताओं की संख्या करीब 1.15 करोड़ थी, जिनमें से 44 प्रतिशत महिलाएं थीं। सुबह आयोग को कई इलाकों में वोटिंग मशीन खराब होने की सूचना मिली, जिसे समय रहते ठीक कर लिया गया। मतदान के बाद राज्य निर्वाचन आयुक्त राकेश मेहता ने कहा कि काफी अच्छा अनुभव रहा। मतदान शांतिपूर्ण तरीके से हुआ। इसके लिए पुलिस आयुक्त बीके गुप्ता को फोन पर बधाई भी दी और मतदान में भारी संख्या में मतदाताओं के भाग लेने पर आभार भी जताया। उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में मतदान का प्रतिशत काफी धीमा रहा। सुबह 11 बजे तक 15 से 18 फीसदी तक ही वोट पड़े थे। वोटिंग मशीन खराब होने की सूचना कई जगहों से मिली थी जिसे समय रहते ठीक करा लिया गया था। कुछ गांव के लोगों ने मतदान का बहिष्कार भी किया। उनके अनुसार सनौढ गांव के लोगों ने इसलिए मतदान का बहिष्कार किया क्योंकि उनके यहां वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा रहा है जिसका वे विरोध कर रहे हैं। गांव लाडपुर के बारे में उनका कहना था कि यहां के मतदाता कई सालों से चकबंदी की मांग कर रहे हैं जो अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। इन दोनों गांवों में करीब सात हजार वोट है। गांव सनौढ वार्ड नंबर तीन से संबंधित है जबकि लाडपुर वार्ड नंबर 29 से। कई प्रमुख लोगों के नाम मतदाता सूची से गायब भी मिले। हाशमी नहीं डाल पाए वोट : दिल्ली से राज्यसभा के कांग्रेसी सांसद परवेज हाशमी रविवार को दिल्ली नगर निगम चुनाव में वोट नहीं डाल पाए। उनके परिवार के लोग भी वोट नहीं डाल पाए। हाशमी और उनके परिजनों का नाम मतदाता सूची से गायब था। हाशमी ने कहा कि वह इसकी शिकायत राज्य निर्वाचन आयोग से करेंगे। उन्होंने बताया कि जब वह परिजनों के साथ ओखला में वोट डालने गए, तो पता चला कि मतदाता सूची में उनका और उनके परिजनों का नाम ही नहीं है। सिनेमाघरों व इंडिया गेट का किया रुख : ्रदिल्ली नगर निगम चुनाव ने सिनेमाघरों तथा इंडिया गेट की भी रौनक बढ़ा दी। मतदान के बाद कुछ लोग अपने घरों में बैठे तो कुछ ने इंडिया गेट व सिनेमाघरों का रुख किया। दूसरी ओर इंडिया गेट की रौनक भी देखते ही बनी। वहां भीड़ अन्य दिनों की तरह ही थी, लेकिन यहां होने वाली चर्चाएं चुनाव विशेष ही थी। यहां बैठे अधिकांश लोग एमसीडी चुनाव पर ही चर्चा कर रहे थे। सड़क, सीवर, सफाई के नाम पर मतदान : सड़क, सीवर, सफाई के नाम पर हुए दिल्ली नगर निगम चुनावों में लोगों ने अपना-अपना मतदान किया। आजादी के बाद से मतदान कर रहे बुजुर्गो से लेकर पहली बार मतदान कर रहे युवाओं तक ने विकास के नाम पर ही अपने मत का प्रयोग किया। हालांकि कुछ ऐसे भी लोग थे जिन्हें शायद निगम के निकाय चुनाव और दिल्ली सरकार व केंद्र सरकार के मुद्दे में फर्क के बारे में जानकारी नहीं थी। शायद यही वजह है कि दिल्ली नगर निगम के चुनाव में मतदाता देश में बढ़ती महंगाई और भ्रष्टाचार को इस निकाय चुनाव से जोड़ रहे थे। नए निगमों के गठन की प्रशासनिक तैयारी पूरी : दिल्ली के तीनों नए नगर निगमों के गठन के लिए मतदान तो संपन्न हो ही गया, प्रशासनिक तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं। 21 अप्रैल तक तीनों निगमों का विधिवत गठन हो जाएगा। तीनों नए निगमों के बीच आपसी समन्वय स्थापित करने के लिए दिल्ली सरकार के तहत गठित स्थानीय निकाय निदेशालय ने नए निगमों को लेकर सभी प्रशासनिक तैयारियां पूरी कर ली हैं।

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