लोकसभा में विपक्ष के साथ-साथ सरकार को समर्थन दे रहे दलों ने भी महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया। विपक्ष ने कहा कि विदेशों की नकल करने के कारण सरकार में बैठे लोग महंगाई कम करने में असफल रहे हैं। सत्ता छोड़े सरकार: सुषमा- लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने सदन में महंगाई पर चर्चा के दौरान आरोप लगाया कि सरकार की गलत नीतियों और भ्रष्टाचार के कारण महंगाई बढ़ी है। सरकार के मंत्री हताशा और निराशा की बात करते हैं। यदि महंगाई पर अंकुश लगाने के मामले में सरकार हाथ खड़े करती है तो उसे सत्ता से हट जाना चाहिए। सुषमा ने सदन में मौजूद वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी से कहा कि संप्रग सरकार महंगाई को लेकर आंकड़ेबाजी करती है लेकिन महंगाई के बोझ से त्राहि-त्राहि कर रही आम जनता का पेट आंकड़ों से नहीं भरता। मुखर्जी द्वारा छह साल के राजग शासनकाल की बात याद दिलाए जाने पर सुषमा ने पलटवार करते हुए दावा किया कि राजग शासनकाल में छह साल तक कीमतें स्थिर रही थीं और बाजार में उत्पाद होते थे। उन्होंने कटाक्ष किया,‘ हमारे वित्त मंत्री फीसदी में बजट नहीं देते थे। हिन्दुस्तान की अर्थव्यवस्था को हार्वर्ड और आक्सफोर्ड वाले नहीं समझ सकते। ’ सुषमा ने कहा कि सुधार तभी सफल माने जा सकते हैं जब उनसे गरीब आदमी की आमदनी सुधरे। उन्होंने कटाक्ष किया कि अमेरिका के सामने छवि सुधारने से सुधार नहीं होता। संसद की अवमानना की है सरकार ने : भाकपा के गुरूदास दासगुप्ता ने लोकसभा में महंगाई पर नियम-193 के तहत चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि संप्रग सरकार ने संसद की अवहेलना की है क्योंकि महंगाई पर पूर्व में सदन में पारित प्रस्ताव को वह लागू नहीं करा पायी है। उन्होंने कहा कि सरकार कभी कहती है कि विकास बढ़ता है तो महंगाई बढ़ती है, कभी कहती है कि लोग ज्यादा खा रहे हैं तो कभी कहती है कि मांग और आपूर्ति में अंतर है। दासगुप्ता ने कहा कि सरकार वायदा कारोबार पर रोक नहीं लगा पायी है जबकि महंगाई रोकने के लिए यह भी एक उपाय है। कई राज्यों में सार्वजनिक वितरण पण्राली काम नहीं कर रही है। सपा के रेवती रमण सिंह ने कहा कि 15वीं लोकसभा में महंगाई पर अनेक बार चर्चा हो चुकी है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। उन्होंने कहा कि सरकार में प्रधानमं़त्री समेत कई अर्थशास्त्री हैं लेकिन दामों पर कोई नियंतण्रनहीं है। बसपा के दारा सिंह चौहान ने कहा कि वित्त मंत्री का यह बयान गरीबों के साथ भद्दा मजाक है कि फरवरी में महंगाई कम हो जाएगी। जदयू के शरद यादव ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया और गृह मंत्री पी चिदंबरम को निशाना बनाते हुए कहा कि विदेशी सोच वाली इस तिगड़ी के सत्ता में रहते महंगाई काबू नहीं हो सकती है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि सालों साल से महंगाई पर संसद में चर्चा हो रही है लेकिन यह बढ़ती ही जा रही है। माकपा के बासुदेव आचार्य ने कहा कि इस सरकार द्वारा अपनाई जा रही कथित नव उदारवादी आर्थिक नीति के रहते महंगाई बढ़ती ही रहेगी। राकांपा की सुप्रिया सुले ने कहा कि महंगाई जैसी बड़ी समस्या से निपटने के लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी सांसदों को ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है। अन्नाद्रमुक के थम्बीदुरई ने देश में व्यापक पैमाने पर नकली नोट के प्रसार का मुद्दा उठाया और इसे महंगाई की एक प्रमुख वजह बताया। राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह ने सरकार से जानना चाहा कि वायदा कारोबार पर वह रोक क्यों नहीं लगा पा रही है।
No comments:
Post a Comment