Wednesday, December 7, 2011

आदतन भ्रष्टाचारियों को बचाते हैं पवार : अन्ना


कृषि मंत्री शरद पवार को एक युवक द्वारा थप्पड़ मारने के बाद बस एक ही थप्पड़ की टिप्पणी से विवाद में आए अन्ना हजारे ने नए सिरे से आक्रामक भाषा का इस्तेमाल किया है। हजारे ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि पवार की भ्रष्ट लोगों को बचाने की पुरानी आदत है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पवार ने भ्रष्टाचार के कई मामलों से आंखें मूंद लीं। अगर जांच का आदेश दिया जाता है, तो स्पष्ट हो जाएगा कि कौन जिम्मेदार रहा है। उन्होंने थप्पड़ वाली अपनी टिप्पणी को भी जायज ठहराया। हजारे ने कहा कि 24 नवंबर को दिल्ली में एक समारोह से निकलते वक्त पवार को एक सिख युवक ने थप्पड़ मार दिया था। अब इस बात पर चर्चा करना जरूरी है कि युवक ने थप्पड़ क्यों मारा। आज भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है। भ्रष्टाचार ने आम आदमी का जीना दूभर कर दिया है। भ्रष्टाचार के कारण ही महंगाई बढ़ी है। जब पवार पर हमले की घटना पर पत्रकारों ने अन्ना हजारे से प्रतिक्रिया मांगी थी, तो उन्होंने कहा था कि बस एक थप्पड़। उन्होंने माना है कि उन्होंने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए हिंसा की, लेकिन समाज की बेहतरी के लिए ऐसा किया। कई राजनेताओं को हमले की घटना से बुरा लगा। उनमें से कई काफी नाराज भी हुए। पवार पर हमला करते हुए उन्होंने लिखा है कि शरद केंद्र में कृषि मंत्री हैं और राज्य में बिजली मंत्री भी उनकी ही पार्टी के हैं। आज 22 साल बाद भी किसानों के बिजली पंप कम वोल्टेज के कारण जल जाते हैं, फसलें खराब हो जाती हैं, ट्रांसफॉर्मर जल जाते हैं, लेकिन तब भी राजनेताओं को गुस्सा नहीं आता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने लिखा है कि किसानों ने पुणे के पास प्रदर्शन किया। उन पर गोलियां चलाई गई। तीन किसानों की मौत हो गई, लेकिन राजनेताओं को गुस्सा नहीं आया। उन्होंने दावा किया कि पवार ने सड़े गेहूं का आयात किया और उसे बड़े गड्ढों में दबा दिया गया। पवार के संबंधी पद्मसिंह पाटिल कैबिनेट में मंत्री थे। जब वह मंत्री थे, तो भ्रष्टाचार में लिप्त थे। मैंने जांच की मांग की। जांच नहीं हुई, तो आंदोलन शुरू किया। नतीजतन जांच का आदेश देना पड़ा। मंत्री दोषी साबित हुए और उन्हें कैबिनेट से हटाया गया।

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