राष्ट्रपति पद के चुनाव में प्रणब मुखर्जी ने 3,97,776 मतों के अंतर से जबर्दस्त जीत दर्ज की। हालांकि वह सबसे अधिक नौ लाख से अधिक मतों के भारी अंतर से राष्ट्रपति चुने जाने के केआर नारायणन के रिकार्ड को नहीं तोड़ सके। राष्ट्रपति पद के लिए दो मई 1952 को हुए पहले चुनाव में डा. राजेन्द्र प्रसाद ने 5,07,400 मत प्राप्त कर जीत दर्ज की। चुनाव में टी शाह को 92, 827 मत मिले । राजेन्द्र प्रसाद 4,14,573 मतोें से विजयी हुए थे। छह मई 1957 को राष्ट्रपति पद के दूसरे चुनाव में 4,59,698 मत प्राप्त कर डा. राजेन्द्र प्रसाद पुन: विजयी रहे। राजेन्द्र प्रसाद करीब साढ़े चार लाख मतों से विजयी हुए। इसके बाद 1962 के राष्ट्रपति चुनाव में 5,53,067 मत प्राप्त कर डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन 5.47 लाख मतों से विजयी हुए। 1967 के चुनाव में जाकिर हुसैन को 4,71,244 मत प्राप्त हुए जबकि के सुब्बाराव को 3,63,971 मत मिले। जाकिर हुसैन 1,07,273 मतों से विजयी रहे। गिरि ने 1969 में नीलम संजीव रेड्डी को दूसरी वरीयता के मतों के आधार पर 14,650 मतों के अंतर से हराया था जबकि 1997 में केआर नारायणन ने टीएन शेषन को नौ लाख से अधिक मतों से पराजित किया था। संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप ने प्रेस से कहा कि संविधान में राष्ट्रपति के चुनाव के संदर्भ में ऐसा प्रावधान है कि बहुमत के लिए जरूरी मत प्राप्त नहीं होने पर दूसरी वरीयता के मतों के आधार पर निर्णय होता है। उन्होंने कहा कि 1969 में वीवी गिरि दूसरी वरीयता के मतों के आधार पर ही चुनाव जीत पाए थे। उस चुनाव में प्रथम वरीयता के मतों की गिनती के बाद किसी को बहुमत नहीं मिला। गिरि 14,650 मतों से विजयी हुए। फखरुद्दीन अली अहमद ने 1974 के चुनाव में 7,54,113 मत प्राप्त किए जबकि त्रिदिब चटर्जी को 1,89,196 मत मिले। अहमद 5.64 लाख मतों से विजयी रहे। इसके पश्चात 12 जुलाई 1982 को हुए चुनाव में ज्ञानी जैल सिंह 7,54,113 मत प्राप्त करके 4.71 लाख मतों के अंतर से जीते। उनके प्रतिद्वन्द्वी एचआर खन्ना को 2,82,685 मत मिले थे। आर वेंकट रमन 1987 में 7,40,148 मत प्राप्त करके 4.58 लाख मतों से विजयी रहे। उस चुनाव में वीआर कृष्णा अय्यर को 2,81,550 मत मिले। इसके अगले चुनाव में डा शंकर दयाल शर्मा ने 6,75,864 मत हासिल करके जीजी स्वेल को 3.29 लाख मतों से हराया। सबसे अधिक अंतर से जीत का रिकार्ड दर्ज करने वाले केआर नारायणन ने 1997 के चुनाव में 9,56,290 मत प्राप्त किए जबकि टीएन शेषन को महज 50,631 मत मिले। 15 जुलाई 2002 को चुनाव में एपीजे अब्दुल कलाम को 9,22,884 मत मिले जबकि लक्ष्मी सहगल को 1,07,366 मत प्राप्त हुए। कलाम 8.15 लाख मतों से चुनाव जीते। प्रतिभा पाटिल 2007 में 6,38,116 मत हासिल करते हुए भैरो सिंह शेखावत को तीन लाख से अधिक मतों से हरा कर देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं।
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