आम आदमी का साथ देने का वादा कर सरकार बनाने वाली कांग्रेस लगातार आम आदमी पर ही अपनी खीझ उतार रही है। पिछले दिनों गरीबी रेखा को लेकर कठघरे में रही सरकार अब मध्यवर्ग को लेकर विपक्ष के हत्थे चढ़ गई है। गृहमंत्री पी चदंबरम ने कहा, आम आदमी 20 रुपये की आइसक्रीम तो खा सकता है, लेकिन उसे गेहूं में एक रुपये की बढ़ोतरी बर्दाश्त नहीं होती। चिदंबरम की तल्ख व व्यंग्यात्मक टिप्पणी पर कड़ा एतराज जताते हुए भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि विदेशी चश्मे से चिदंबरम को देश के गरीब और आम आदमी की पीड़ा दिखाई नहीं देती है। आम आदमी का मजाक उड़ाने के लिए चिदंबरम को देश से माफी मांगनी चाहिए। खुर्शीद के राजनीतिक बयान पर उठा उफान ठंडा हो पाता, उससे पहले ही चिदंबरम के ताजा बयान ने नए सिरे से विवाद खड़ा कर दिया। बेंगलूर में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए चिदंबरम ने महंगाई के प्रति मध्यमवर्ग के रुख पर एतराज जताते हुए कहा था, हम 15 रुपये देकर पानी की बोतल खरीद सकते हैं, 20 रुपये की आइसक्रीम खा सकते हैं, लेकिन गेहूं और चावल की कीमत एक रुपये बढ़ जाए तो परेशानी होती है। उन्होंने आगे कहा कि सब कुछ मध्यवर्ग के लिहाज से तय नहीं किया जा सकता है। अनाज की खरीद में किसानों को ज्यादा पैसा दिया गया है। बहरहाल, भाजपा चिदंबरम को बख्शने को तैयार नहीं है। शाहनवाज ने कहा, यह वही सरकार है जिसमें 24 रुपये से ज्यादा कमाने वाले को गरीबी रेखा से ऊपर करार दिया गया है। चिदंबरम वातानुकूलित कमरों में रहते हैं और हवाई जहाज से चलते हैं। उन्हें आम आदमी और गरीबों की पीड़ा का अहसास नहीं है। उन्होंने चिदंबरम की इस दलील को भी खारिज किया कि इससे किसानों को लाभ मिल रहा है। शाहनवाज ने कहा कि सच्चाई यह है कि यह सरकार किसानों का हक भी छीन रही है और आम आदमी का भी मजाक उड़ा रही है। उन्होंने आगाह किया कि चिदंबरम माफी मागें।
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