कालेधन, भ्रष्टाचार एवं अन्यायपूर्ण भ्रष्ट व्यवस्था के विरुद्ध दिल्ली में 9 अगस्त को होने वाले राष्ट्रीय आंदोलन में झारखंड से कम से कम एक लाख लोग भाग लेंगे। मंगलवार को रांची क्लब में भारत स्वाभिमान व पतंजलि योग समिति की कार्यकारिणी की बैठक हुई। बैठक में 24 जिलों के पांच हजार से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए। प्रतिनिधियों का उत्साहवर्धन करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि इस बार केंद्र सरकार को दसों दिशाओं से घेरेंगे। सरकार के पापों का घड़ा भर चुका है। अब फूटने का समय आ चुका है। जब आतंकी संगठन फिदायीन तैयार कर सकते हैं तो हम देश पर मिटने वाले राष्ट्रभक्त बलिदानी क्यों नहीं? बाबा ने युवाओं को भी आह्वान किया और कहा कि लड़का लड़की को भगा ले जा सकता है, लड़की लड़का को भगा ले जा सकती है, हम देश के लिए क्यों नहीं भगा सकते। इस बात पर तो पूरा हॉल ही तालियों से गूंज उठा। बीच-बीच में भजन भी चल रहा था। कोडरमा के कार्यकर्ताओं का उत्साह देख बाबा ने कहा, देश को खंड-खंड होने से बचाएगा झारखंड। इस अवसर पर बाबा ने टाइम पत्रिका पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि टाइम जो बात आज कह रहा है, हम बहुत पहले से कहते आ रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था को रसातल में पहंुचा दिया गया है। झारखंड की लड़ाई लड़ेंगे बाबा झारखंड के लोग भगवान बिरसा के जमाने से ही जल, जंगल, जमीन की लड़ाई लड़ रहे हैं। यहां की भू-संपदा लूटी जा रही है। 1895 का बना भू-अधिग्रहण कानून भी अप्रासंगिक हो चुका है। यहां शीघ्र ही हम जल, जंगल, जमीन की लड़ाई शुरू करेंगे। रांची में मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता में बाबा रामदेव ने ये बातें कहीं। बाब ने कहा, किसानों और आदिवासियों को दो सौ साल से लूटा जा रहा है। यहां अरबों-खरबों की भू संपदा हर महीने लूटी जा रही है। इस लूट ने नौ अगस्त की लड़ाई को प्रासंगिक बना दिया है। लोग कहते हैं, भारत गरीब है। जिस देश के पास एक लाख टन सोना है, 100 लाख करोड़ का खनिज हो, एक हजार लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था हो, वह गरीब कैसे हो सकता है? लेकिन पूरी संपत्ति पर एक लाख लोगों का कब्जा है, जिसके कारण यह देश गरीब है। सरकार एफडीआइ के लिए दरवाजा खोल रही है। इसके माध्यम से 25000 करोड़ रुपये देश में आएगा। पर इसकी जरूरत क्या है? देश में सौ हसन अली को पकड़ लो, बेईमान कंपनियों से वसूली करो, कोयला आवंटन में नीलामी में जो राजस्व का घाटा हुआ है, उसकी भरपाई करो तो दूसरे के आगे हाथ फैलाने की जरूरत ही नहीं होगी।
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