Thursday, July 12, 2012

आवंटित अनाज का बंगाल में सदुपयोग नहीं : थामस


गृहमंत्री पी चिदंबरम के बाद अब केंद्रीय खाद्यमंत्री केवी थामस ने भी राज्य की ममता सरकार के खिलाफ मुंह खोला है। उन्होंने यहां कहा कि केंद्र की ओर से आवंटित कुल अनाज का पश्चिम बंगाल सिर्फ 12.6 प्रतिशत हिस्सा ही उठा पाता है। बंगाल में खाद्य संरक्षण की सही व्यवस्था नहीं होने के कारण यह स्थिति बनी है। उन्होंने कहा कि 2011-12 में बंगाल के 10 पिछड़े जिलों के लिए 6.56 लाख टन अनाज का आवंटन किया गया था। इसका 12.6 प्रतिशत हिस्सा ही उठाया गया। हालांकि उन्होंने भरोसा दिलाया कि खाद्य भंडारों एवं राशन दुकानों के नवीनीकरण के लिए केंद्र सरकार बंगाल को हरसंभव आर्थिक सहायता देगा। उन्होंने बताया कि पहले देश में कुल 20 करोड़ राशन कार्ड धारक थे। नवीनीकरण के बाद इसकी संख्या घट कर 18 करोड़ रह गई है। 2011-12 में 22 लाख टन चावल और गेहूं का आवंटन किया गया है। वहीं वर्ष 2010-11 में 8.46 टन चावल एवं 6.58 लाख टन गेहूं का आवंटन किया गया था। वह मंगलवार को आइसीसीआर में खाद्य संरक्षण पर आयोजित एक सेमिनार में बोल रहे थे। इसका आयोजन ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) ने किया था। इस मौके पर राज्यपाल एमके नारायणन, बीआइएस के डायरेक्टर जनरल अलिंदा चंद्रा व वैज्ञानिक पीके गंभीर भी मौजूद थे। केवी थामस ने खाद्य सुरक्षा विधेयक शीतकालीन सत्र में पारित होने की संभावना जताई है। अभी यह विधेयक स्टैंडिंग कमेटी का पास भेजा गया है। प्राथमिक एवं जनरल दो वर्गो में विभाजित इस विधेयक के पारित हो जाने पर ग्रामीण क्षेत्रों में 70 एवं सामान्य क्षेत्रों में 46 प्रतिशत लोगों को लाभ होगा। शहरी क्षेत्र के बीपीएल में 50 प्रतिशत एवं सामान्य में 28 प्रतिशत लोग भी इससे लाभान्वित होंगे। उधर , राज्य के खाद्यमंत्री ज्योति प्रिय मल्लिक ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने गलत तथ्य दिया है। केंद्र सरकार राज्य के साथ असहयोग कर रहा है और केंद्रीय मंत्री कह अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं।

No comments:

Post a Comment