Wednesday, March 14, 2012

कांग्रेस चारों खाने चित्त


उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के चुनावी नतीजों ने कांग्रेस को लगभग हाशिये पर धकेल दिया है। देश के सबसे बडे़ और राजनीतिक दृष्टि से अहम उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने सभी अनुमानों को ध्वस्त कर 403 सदस्यीय विधानसभा में 224 सीटें हासिल कर लीं। अभूतपूर्व बहुमत के साथ सपा ने बसपा को तो सत्ता से बेदखल किया ही, कांग्रेस को भी जोर का झटका दिया, जो कि राहुल गांधी के धुंआधार प्रचार के बल पर 22 सालों बाद सत्ता में वापसी का सपना देख रही थी। पंजाब और उत्तराखंड में सत्ता विरोधी लहर के भरोसे उम्मीदें पाले बैठी कांग्रेस को मायूसी ही हाथ लगी। बादल की अगुआई में भाजपा-अकाली गठबंधन ने 43 साल के इतिहास में पहली बार दोबारा सत्ता में लौट कर इतिहास रच डाला। उत्तराखंड में त्रिशंकु विधानसभा सामने आई। हालांकि कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी रही, लेकिन बहुमत न मिलने से सत्ता की चाबी छोटे दलों एवं निर्दलियों के हाथ आ गई है। गोवा की सत्ता छीनकर भाजपा ने देश की सबसे पुरानी पार्टी को चारों खाने चित कर दिया। कांग्रेस के लिए राहत की खबर सिर्फ मणिपुर से आई जहां पार्टी तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी 224 सीटें जीतने के साथ ही अकेले प्रदेश की सत्ता संभालेगी। 16वीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव के नतीजे पार्टी के लिए उम्मीदों से बहुत बड़ी जीत है, जबकि बसपा के लिए यह अनुमानों से बड़ी हार है। सत्ता विरोधी लहर के चलते बसपा 80 तक ही पहुंच पाई। साइकिल के कद्रदान यूपी ने कांग्रेस और भाजपा को क्रमश: 28 और 47 पर रोक दिया। हालांकि यह संख्या कांग्रेस के पिछले आंकड़े से छह ज्यादा है, लेकिन भाजपा को तो चार सीटों का नुकसान हुआ है। सपा की आंधी में माया के तमाम मंत्री और दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. रमापति राम त्रिपाठी, विस अध्यक्ष रहे केशरीनाथ त्रिपाठी, भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष हरीश द्विवेदी, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीराम चौहान, ओम प्रकाश सिंह, पूर्व मंत्री व कांग्रेसी नेता जगदंबिका पाल के पुत्र अभिषेक पाल, कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष डा. रीता बहुगुणा जोशी के भाई शेखर बहुगुणा, केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद, पूर्व मंत्री जनार्दन प्रसाद ओझा, अपना दल के बाहुबली नेता व पूर्व सांसद अतीक अहमद को भी जनता ने फेल कर दिया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने शर्मनाक प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी स्वीकारते हुए अपना इस्तीफा नितिन गडकरी को भेज दिया है। रिकार्ड तोड़ बहुमत से उत्साहित सपा ने बुधवार को संसदीय दल की बैठक बुलाई है, जिसमें नवनिर्वाचित विधानमंडल दल की बैठक बुलाने और सरकार बनाने का दावा पेश करने पर विचार किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि सपा बुधवार को ही सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। शपथ ग्रहण होली बाद होगा। मुख्यमंत्री कौन होगा इस सवाल को अखिलेश यादव ने प्रेस कांफ्रेंस में स्पष्ट किया। उन्होंने कहा,मुख्यमंत्री नेता जी यानी मुलायम ही होंगे। सूत्रों के मुताबिक, सपा में शीर्ष स्तर पर इस पर सहमति बनी है कि मंत्रिमंडल छोटा रखा जाए और उसमें ऐसे लोगों का शामिल किया जाए, जिनकी छवि साफ सुथरी हो। अखिलेश यादव ने सपा सरकार की प्राथमिकताएं भी गिना दी। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था को किसी भी सूरत में बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। जनकल्याण योजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। 

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