Wednesday, March 14, 2012

यूपी विधानसभा में 47 फीसदी दागी दो तिहाई सदस्य करोड़पति


उत्तर प्रदेश के 403 विधायकों में 189 यानी कुल 47 फीसदी ऐसे हैं, जिनके खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं। इनमें 98 ऐसे हैं जिन पर गंभीर अपराधों के तहत मुकदमे दर्ज हैं। वहीं दो तिहाई से कुछ ज्यादा यानी 271 विधायक करोड़पति हैं। उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच ने रविवार को पत्रकार वार्ता में नवनिर्वाचित विधायकों के हलफनामे का विश्लेषण करते हुए संख्या जारी की। पिछली बार 140 दागी थे। सूबे में आपराधिक मामलों में लिप्त विधायकों की संख्या में 12 फीसदी की वृद्धि हुई है। आपराधिक आरोपों से घिरे विधायकों में बसपा के 29, सपा के 111, भाजपा के 25, कांग्रेस के 13, रालोद के दो, पीस पार्टी के दो, कौमी एकता दल के एक समेत पांच निर्दलीय भी हैं। यूपी इलेक्शन वॉच के मुताबिक सूबे में सबसे अमीर विधायक नवाब काजिम अली खान हैं जो रामपुर जिले के स्वार क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुने गए हैं। दूसरे नंबर पर मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र से बसपा से चुने गए शाह आलम व तीसरे नंबर पर नोएडा के भाजपा विधायक महेश शर्मा हैं। नवाब काजिम अली खान की संपत्ति 56.89 करोड़, शाह आलम की 54.44 करोड़ और महेश शर्मा की 37.45 करोड़ है। छह विधायकों ने अपनी संपत्ति पांच लाख या इससे भी कम घोषित की है। 22 विधायकों ने अपनी देनदारियां एक करोड़ या इससे ज्यादा घोषित की है। 2012 में चुने गए 271 विधायक करोड़पति हैं जबकि 2007 में इनकी संख्या सिर्फ 124 थी। करोड़पति विधायकों की संख्या में यह इजाफा करीब 37 फीसदी का है। इलेक्शन वॉच ने मुख्य राजनीतिक दलों के प्रत्येक उम्मीदवार की औसतन संपत्ति भी घोषित की है। इसमें बसपा की 4.44 करोड़, सपा की 2.52 करोड़, भाजपा की 4.01 करोड़ और कांग्रेस की 4.61 करोड़ है। सूबे के 239 विधायकों की शैक्षिक योग्यता स्नातक या इससे अधिक है। दस फीसदी भी नहीं महिलाएं : सूबे में कुल 32 महिला विधायक चुनी गई हैं। इनमें सपा की 19, बसपा की तीन, भाजपा की छह और कांग्रेस से जीतने वाली दो महिलाएं हैं। केवल 40 विधायक आठवीं पास और इससे भी कम हैं। इनमें 14 केवल साक्षर हैं। दसवीं पास 41 और 12वीं पास 76 विधायक हैं। इस बार विधान सभा चुनाव में 6839 उम्मीदवारों ने 223 दलों का प्रतिनिधित्व किया है। 2007 में 6086 उम्मीदवारों ने 131 दलों का प्रतिनिधित्व किया था। 2007 के मुकाबले 2012 में राजनीतिक दलों में 70 फीसदी और उम्मीदवारों में 12 फीसदी की वृद्धि है। विधानसभा के अबकी चुनाव में केवल 11 दलों के उम्मीदवार जीते, जिनमें छह निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं।

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