आंतरिक सुरक्षा पर आयोजित मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में कई राज्यों ने अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि आंतरिक सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मामले में कोई भी फैसला लेने से पहले केंद्र सरकार को उन्हें पूरी तरह विास में लेना चाहिए। इस मामले में गैर यूपीए शासित सरकारों के मुख्यमंत्री मुखर थे। सैन्य व असैन्य इकाइयों के बीच तनाव से सुरक्षा पर प्रतिकूल असर : सेना के साथ हाल ही में हुए विवाद के लिए केंद्र की आलोचना करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि असैन्य एवं सैन्य इकाइयों के बीच में तनाव से देश के आंतरिक सुरक्षा हालात पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना तय है। सम्मेलन में उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मौजूदा केंद्र सरकार आम आदमी में हमारी रक्षा तैयारियों को लेकर विास का संचार करने में विफल रही। देश की आंतरिक सुरक्षा को अलग-थलग करके नहीं देखा जा सकता है क्योंकि यह बाह्य सुरक्षा हालात से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि केंद्र को अविास एवं संदेह के इस माहौल को खत्म करने के लिए सक्रि य कदम उठाने चाहिए जो हाल ही में हुए विवादों के कारण पैदा हुआ है। सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मसलों पर राज्य सरकारों से सलाह-मशविरा नहीं करने के लिए केंद्र की आलोचना करते हुए मोदी ने कहा कि आरपीएफ व बीएसएफ कानून में संशोधन कर केंद्र ‘राज्य के भीतर राज्य’ का गठन कर रहा है। सीबीआई सहित केंद्रीय एजेंसियों का राजनीतिकरण बढ़ रहा है। उनका इस्तेमाल केंद्र में सत्ताधारी दल के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने में हो रहा है। इस रुख से सीबीआई जैसी एजेंसियों की विसनीयता के साथ समझौता हुआ है और यह चिन्ता की बात है क्योंकि ये एजेंसियां आंतरिक सुरक्षा के मसलों में शामिल हैं। उन्होंने केंद्र के इन दावों पर भी सवाल उठाया कि 97 फीसद खुफिया खबरें केंद्रीय एजेंसियों की ओर से आ रही है और राज्य एजेंसियों की ओर से केवल तीन प्रतिशत खबरें आती हैं। खुली भारत-नेपाल सीमा चिंता का विषय: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज कहा कि प्रदेश से सटी नेपाल की 550 किलोमीटर लंबी सीमा पर निगरानी की विशेष व्यवस्था की आवश्यकता है ताकि किसी भी संभावित राष्ट्रविरोधी गतिविधि को रोका जा सके। अखिलेश ने पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए राज्य को आवंटित धनराशि 100 करोड रुपए से बढ़ाकर 800 करोड़ रुपए करने की मांग की। उन्होंने 2013 में होने जा रहे कुंभ मेले का जिक्र करते हुए केंद्र की मदद मांगी ताकि कुंभ मेले का आयोजन सफलतापूर्वक किया जा सके। उन्होंने गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर को ‘मेगा सिटी पोलिसिंग परियोजना’ में शामिल करने की मांग करते हुए कहा कि दोनों ही जिलों की पुलिस को अत्याधुनिक हथियार और उपकरण मुहैया कराए जाने चाहिए। राज्य पुलिस की क्षमता में सुधार और आबादी के हिसाब से पुलिस की उपलब्धता का अनुपात राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाने के लिए 5000 करोड़ रुपए की केंद्रीय मदद मांगी। राज्यों के अधिकार छीन रहा है केंद्र : तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने विधेयकों को पारित कराकर केंद्र द्वारा राज्यों के अधिकार छीनने की बढ़ती प्रवृत्ति के प्रति सचेत करते हुए आज कहा कि ऐसा करना राज्य सरकारों के प्रति असम्मान दर्शाना है। सम्मेलन में जयललिता ने संप्रग सरकार पर चहुंतरफा निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र (एनसीटीसी) के जरिए केंद्र सरकार राज्यों के अधिकारक्षेत्र में घुसपैठ कर रही है। यह उन संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है जो राज्यों की सूची में पुलिस को तरजीही दर्जा प्रदान करता है। उन्होंने दावा किया कि केंद्र ने बंगाल की खाड़ी में भारत-अमेरिकी संयुक्त नौसैनिक अभ्यास का एकतरफा फैसला किया और उसने राज्य सरकार को विास में नहीं लिया। एनसीटीसी का विरोध कर रही मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका मतलब यह होगा कि केंद्र सरकार संवैधानिक रूप से चुनी हुई राज्य सरकारों का असम्मान कर रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र जब कभी भी कोई महत्वपूर्ण फैसला करेगा, राज्य सरकारों के साथ पहले से सलाह मशविरा करने के सिद्धांत का पालन करेगा। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का भय है कि विधेयक पारित कराके या अधिसूचना जारी कर राज्यों को प्रदत्त अधिकारों के हनन की प्रवृत्ति उभर रही है। आतंकवाद का मिलकर मुकाबला क्यों नहीं : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह बात उनकी समझ से परे है कि जब हम वामपंथी उग्रवाद जैसी समस्या से संयुक्त रू प से लड़ सकते हैं तो इस माडल पर आतंकवाद से क्यों नहीं लड़ सकते। आंतरिक सुरक्षा की किसी भी स्थिति से निपटने का सर्वप्रथम दायित्व राज्य सरकारों का है। अत: राज्यों को मजबूत किए बिना आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ नहीं किया जा सकता। चौहान ने कहा कि नीति निर्धारण एवं नये कानूनों के बनाने के पूर्व राज्य सरकारों से भी विचार-विमर्श किया जाए न कि स्वयंसेवी संस्थाओं एवं अन्य लोगों से ड्राफ्ट प्रस्ताव के आधार पर ड्राफ्ट तैयार कर राज्य सरकारों को टिप्पणी के लिए भेजा जाए। उन्होंने कहा कि यूएपी एक्ट में एकतरफा संशोधन इसका उदाहरण है। विगत समय में यह देखने में आया है कि केंद्र आंतरिक सुरक्षा के बहुत से विषयों पर एकतरफा निर्णय ले रही है। चाहे वह एनसीटीसी का गठन हो या फिर देश के अन्य भागों में लागू करने के लिए बीएसएफ एक्ट या आरपीएफ एक्ट के प्रस्तावित संशोधन हों। उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिक और लक्षित हिंसा निवारण विधेयक जैसे अतिसंवेदनशील मुद्दे पर सभी साझेदारों से विचार विमर्श किये बगैर इसे संसद में लाने का प्रयास किया गया। ऐसा प्रयास संघात्मक ढांचे की भावना के विपरीत और केन्द्रीयकरण की तरफ एक बढ़ता कदम है। एनसीटीसी पर राष्ट्रीय सहमति जरूरी : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि एनसीटीसी की स्थापना के लिए राष्ट्रीय सहमति आवश्यक है जिससे देश के संघीय ढांचे पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़े। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद व आतंकवाद से केंद्र एवं राज्य सरकारों के समन्वित प्रयासों से ही निपटा जा सकता है। इसके लिए स्वयं उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर समन्वित रणनीति की आवश्यकता पर बल दिया है। एएफएसपीए और श्रीनगर से 24 बंकर हटें : जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों की तैनाती कम करने पर जोर देते हुए राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सभी महत्वपूर्ण मुद्दों के समाधान के लिए वार्ता ही सबसे बढ़िया तरीका है। उमर ने सम्मेलन में भारत-पाक संबंधों से लेकर कश्मीर सहित कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून ( एएफएसपीए) को हटाने और श्रीनगर शहर से 24 बंकर हटाने का मुद्दा भी उठाया। पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संबंध मजबूत करने के लिए उन्होंने जम्मू कश्मीर और पाक अधिकृत कश्मीर के बीच टेलीफोन कनेक्शन की बात की। उन्होंने उम्मीद जताई कि 2011 के दौरान जो शांति रही, वह आगे भी रहेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के सुरक्षा माहौल में चूंकि अब काफी बदलाव आ गया है, एएफएसपीए को जारी रखने की समीक्षा होनी चाहिए । ‘मैं उन जिलों और क्षेत्रों से एएफएसपीए हटाने की वकालत नहीं कर रहा हूं, जो अभी भी उग्रवाद से प्रभावित हैं लेकिन उन जिलों और क्षेत्रों से एएफएसपीए को हटाने की शुरूआत होनी चाहिए, जो आतंकवादी गतिविधियों से प्रभावित नहीं हैं।’
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