दिल्ली की तीन नगर निगमों में जीत कर पहुंचे पार्षदों में से 21 फीसदी ऐसे हैं, जिन पर आपराधिक मुकदमा दर्ज है। भाजपा में ऐसे पार्षदों की तादात 24 फीसदी है, जबकि कांग्रेस में 21 फीसदी है। यह दावा किया है कि एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक राइटस (एडीआर) ने। एडीआर ने राज्य चुनाव आयोग को प्रत्याशियों द्वारा जमा कराये गये शपथ पत्र के विश्लेषण के बाद यह आंकड़े जारी किये हैं। एडीआर अब तक 272 में से 236 नवनिर्वाचित पार्षदों के ही शपथ पत्र का विश्लेषण किया है और उसका दावा है कि अन्य पार्षदों का शपथ पत्र हासिल होते ही नये आंकड़े जारी होंगे। एडीआर के मुताबिक 236 में से 49 पार्षदों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी शपथ पत्र में दी है। इनमें से भाजपा के 121 में से 29, कांग्रेस के 66 में से 14, बसपा के 14 में से दो, इनेलो के तीन में से एक पार्षद शामिल हैं। इनमें 37 पुरुष और 12 महिलाएं हैं। इन 49 में से 12 पार्षदों पर हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, डकैती, जबरन वसूली के मामले दर्ज हैं, इनमें से भाजपा के 5, कांग्रेस के चार और बसपा का एक पार्षद हैं। जाकिर नगर वार्ड नंबर 205 से चुने गये शोएब दानिश पर चार मुकद्मे दर्ज हैं, इनमें से दो मुकदमे हत्या के प्रयास के हैं। इन 236 पार्षदों में से 120 करोड़पति हैं। इनमें सबसे अधिक संपत्ति का ब्योरा देने वाली पार्षद पंजाबी बाग की सतविंद्र कौर सिरसा हैं, उन्होंने 112 करोड़ रुपये की संपत्ति का ब्योरा दिया है। 126 नवादा से चुनी गई निर्दलीय नरेश बलयान (57.23 करोड़ रुपये) व सुभाष नगर 152 से चुनी गई कांग्रेस की मंजू सेतिया (32.79 करोड़ रुपये) हैं। भाजपा पार्षदों की औसत संपत्ति 3.19 करोड़ रुपये प्रति पार्षद, कांग्रेसी पार्षदों की 2.46 करोड़, बसपा पार्षदों की 1.79 करोड़ रुपये प्रति पार्षद, इनेलो पार्षदों की औसत संपत्ति 4.95 करोड़ रुपये प्रति पार्षद है।
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