नई दिल्ली उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में दंगे को लेकर विपक्षी दल मायावती सरकार की घेरेबंदी में जुट गए हैं। सपा और भाजपा ने गुरुवार को इस मामले को लोकसभा में उठाया। सपा ने तो दंगे को लेकर ही मायावती का इस्तीफा तक मांग लिया है। जबकि भाजपा ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग की है। सपा के मुलायम सिंह यादव ने लोकसभा में शून्यकाल में यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि मुरादाबाद में जब भी दंगे की शुरुआत होती है, वह गंभीर रूप ले लेता है। 1980 में भी ऐसा हो चुका है। सपा सदस्य ने आरोप लगाया कि मुरादाबाद में स्थानीय पुलिस संप्रदाय विशेष के लोगों को परेशान कर रही है। स्थिति और बिगड़ सकती है। सरकार को इस पर बयान देना चाहिए कि हालात के मद्देनजर उसकी तैयारी क्या है? मुलायम के इस मामले के उठाने के साथ ही सपा के दूसरे सदस्य अपने स्थानों पर खड़े हो गए और मायावती सरकार का इस्तीफा मांगने लगे। मुलायम ने जैसे ही इस मामले को उठाया बसपा के दारा सिंह चौहान, विजय बहादुर और सुरेंद्र नागर समेत दूसरे सदस्य भी खड़े के गए। उन्होंने मुलायम का कड़ा विरोध किया। बसपा सदस्यों का कहना था कि यह राज्य की कानून-व्यवस्था का मामला है। उसे यहां नहीं उठाया जा सकता है। मुरादाबाद में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। सरकार हालात पर नजर रखे हुए है। सपा और बसपा सदस्यों के शोर-शराबे के बीच ही भाजपा के योगी आदित्यनाथ भी खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि चार दिनों से दंगे हो रहे हैं। हिंदुओं को उनके धार्मिक कार्यक्रमों से रोका जा रहा है। प्रशासन फेल हो गया है। लिहाजा मुरादाबाद में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जानी चाहिए।
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